Wednesday, February 22, 2012

कश्मकश

यह प्रयास है उन ख्वाहिशों और हसरतों को समझने का या कह लीजिये समझाने का  - जो ताक़त तो आपकी ज़िन्दगी बदलने की रखते हैं - लेकिन दिल और दिमाग की 'कश्मकश' में अक्सर दम तोड़ देते हैं ।
और प्रयास है उस हौंसले को, उस विश्वास को थामे रहने का जिस से ऐसे कई और सैंकड़ो ख्वाब जन्म लेते हैं और कई और लाखों ज़िंदगियाँ बदल देते हैं।


दिल से दिमाग के दरमयां -
फिर किसी चौराहे पे -
कई ख्वाहिशों का क़त्ल हुआ;
सुना, कल रात तो,
कुछ ख्वाब भी मारे गए ।
कुछ जो महफूज़ रहे;
हैं वो इतने खौफज़दा,
दुबके रहे - सहमे हुए -
जब पुकारे गए।